What is Antonio Gramsci’s theory of hegemony?( ग्राम्स्की के आधिपत्य का सिद्धांत क्या है?)

Antonio Gramsci के आधिपत्य का सिद्धांत-

Antonio Gramsci इटली के रहने वाले थे / यह मार्क्सवादी विचारक थे/उनके समय 1917 की रसिया की क्रांति हो चुकी थी/ एंटोनियो ग्राम्स्की ने बोल्शेविक क्रांति से प्रभावित होकर PCI पार्टी की स्थापना की / प्रथम विश्व युद्ध हो जाने के बाद इटली में मुसोलिनी का शासन था / इटली में फासीवादी विचार फैल रहे थे / जिसके ग्राम्स्की विरोधी थे / इन्हें 20 साल तक मुसोलिनी ने जेल में बंद कर दिया था क्योंकि मुसोलिनी इससे डरा हुआ था/ मुसोलिनी ग्राम्स्की के दिमाग को 20 साल तक बंद कर देना चाहता था कि ताकि वह फासीवाद के  विरोध में विचार न उत्पन्न कर सके /

 

(एंटोनियो ग्राम्शी का आधार औरअधिरचना का संबंध)

(Antonio Gramsci का आधार औरअधिरचना का संबंध)

ग्राम्स्की ने आर्थिक आधार पर समाजवादी विचार नहीं दिया अधिसंरचना पर ध्यान दिया ना कि आधार पर ग्राम्स्की को नव मार्क्सवादी भी कहा जा सकता है /

20वीं शताब्दी में ग्राम्स्की के मन में यह प्रश्न था की इस पूंजीवादी युग में कोई समाजवादी क्रांति नहीं हो रही है और ना ही समाजवादी क्रांति के कोई लक्षण दिखाई दे रहे हैं / ग्राम्स्की कहता है, की पश्चिमी यूरोप रसिया से भिन्न है यहां हिंसात्मक क्रांति नहीं लाई जा सकती पूंजीवाद अपने चरम पर होते हुए भी इसमें समाजवादी क्रांति के कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहे /

हेजेमोन शब्द है हेजेमोनी  शब्द से लिया गया है इसका अर्थ है आधिपत्य,

अधिपत्य का प्रयोग वह जो बुजुर्वा वर्ग, पराधीन वर्ग या व्यक्तियों से सहमति प्राप्त करने के लिए करता ह विचारधारा के आधार पर बुजुर्वा वर्ग पराधीन वर्ग पर आधिपत्य कायम करता है /

ग्राम्स्की के आधिपत्य का सिद्धांत क्या है?सांस्कृतिक आधिपत्य को अपनाकर बुजुर्वा वर्ग सत्ता में बना रहता है बुजुर्वा वर्ग बगैर हिंसा के माध्यम से विचारधारा के रूप में आधिपत्य स्थापित कर सत्ता पर बना रहता है इसे ही आधिपत्य का सिद्धांत कहते हैं /

आधिपत्य का निर्माण कैसे किया जाता है?

समाज के विचारधारात्मक उपकरण द्वारा इसका निर्माण किया जाता है-परिवार, सामाजिक ,सांस्कृतिक संगठन, मास मीडिया,  धार्मिक संस्थाएं ,शैक्षणिक संस्थाएं आदि /

परिवार-आज्ञा पालन का भाव सिखाता है,

धार्मिक संस्थाएं-मूल्यों को सिखाता है,

जनसंचार के साधन-यह सारे विचारधारा का निर्माण करते हैं,

बुजुर्वा वर्ग नागरिक समाज पर अपना प्रभुत्व रखता है इसके द्वारा विचारधारा का प्रभाव पराधीन वर्ग पर डालता है जिससे बुजुर्वा वर्ग पराधीन वर्ग से सहमति या कानून की वैधता को प्राप्त  करते जाते हैं जब कोई इसे सहमति नहीं देता है तो राज्य पुलिस उस पर कार्यवाही करती है /

नागरिक समाज बुजुर्वा वर्ग का समर्थन करते हुए लोगों पर मिथ्या चेतना का प्रभाव पराधीन वर्ग पर डालने का प्रयास करती है/ जिससे पराधीन वर्ग बुजुर्वा वर्ग के विचार को सही मानते हुए उनको सहमति या समर्थन करते रहते हैं /

बुजुर्ग वर्ग जानता है कि ताकत के द्वारा शासन नहीं किया जा सकता इसलिए पूंजीवादी व्यवस्था सांस्कृतिक  आधिपत्य का रास्ता अपना रही है तथा उनके दिमाग पर विचारधारा का प्रभाव डालकर अपनी शासन को बनाने का प्रयास करती है /

उनके मस्तिष्क को ऐसे ढाल दिया गया है ,कि केवल पूंजीवादी व्यवस्था में ही उनका हित है, इसलिए पश्चिमी देशों में समाजवादी क्रांति नहीं हो रही है बिना शक्ति के माध्यम से यह पराधीन वर्ग इनकी बात मानता जाता है ग्राम्स्की कहता है कि अगर क्रांति लाना है तो इस आधिपत्य को तोड़ना होगा /

परंतु यह भी कहा जा सकता है की कोई शासन  अधिपत्य के बिना शासन नहीं कर सकता ग्राम्स्कीआधिपत्य को खत्म करने की बात करता है और कहता है, की क्रांति तभी आ सकती है / जब अधिपत्य को पूरी तरह समाप्त किया जाए /

जैविक बुद्धिजीवी का सिद्धांत-

Antonio Gramsci कह रहा है, बुजुर्वा वर्ग का आधिपत्य है उसे पराधीन वर्ग द्वारा तोड़ा जाएगा सर्वहारा वर्ग सक्षम नहीं है, जो इस  आधिपत्य को तोड़ सके यह आधिपत्य का अंत श्रमिक वर्ग के विचारधारा के द्वारा तोड़ा जाएगा तब वैचारिक संघर्ष होगा/

बुद्धिजीवियों के द्वारा श्रमिक वर्ग की विचारधारा का निर्माण किया जाएगा पहले है परंपरागत बुद्धिजीवी ,दूसरे हैं जैविक  बुद्धिजीवी /

परंपरागत बुद्धिजीवी-विद्वान, धार्मिक गुरु, डॉक्टर, वकील यह लोग सभी का कल्याण करना इसका कार्य करते हैं यह रूढ़िवादी विचारधारा का प्रचार करते हैं /

जैविक बुद्धिजीवी-एक वर्ग के विचार का प्रचार करते हैं, उदाहरण के लिए, महात्मा गांधी राष्ट्रीय आंदोलन के समय पीड़ित व्यक्तियों से निकले व्यक्ति थे, इनका काम वर्ग के विचार का  प्रचार प्रसार करना था, जैसे डॉक्टर अंबेडकर भी जैविक बुद्धिजीवी में रखा जा सकता है,यही जैविक बुद्धिजीवी श्रमिक वर्ग का अधिपति स्थापित करेंगे जो बुजुर्वा वर्ग की समस्या को जानते हैं /

Gramsci कहता है,कि पश्चिम के देशों के लिए राज्य और नागरिक समाज में भेद पाया जाता है जबकि रसिया में राज्य और नागरिक समाज में भेद नहीं पाया जाता है ,इसलिए पश्चिम में रसिया की तरह क्रांति नहीं हो सकती है /

 

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